इंडिया टुडे के संपादक प्रभु चावला ने आजतक के सीधी बात कार्यक्रम में धारावाहिक 'ना आना इस देश में लाडो' की अम्माजी की भूमिका निभाने वाली मेघना मलिक से बात की.उसके कुछ अंशः
आपको छोरियां पसंद नहीं हैं?
ऐसी बात नहीं है, अम्मा जी की भी छोरी है.लेकिन अम्मा जी लड़कियों की दुश्मन है. वह अम्मा जी अपनी परिस्थितियों की शिकार है. वह अपने इर्द-गिर्द के सामाजिक ढांचे में पली-बढ़ी है. उसी तरह की उसकी सोच है. अपनी सोच बहुओं पर थोप रही है.
मैंने ऐसी अम्मा जी नहीं देखी जो अपनी ही बेटी और बहुओं पर अत्याचार करे.
नहीं, हमारे आसपास ऐसी ढेरों औरतें हैं.
लगता है, इस शो के माध्यम से औरत को बदनाम करने की साजिश है. हिंदुस्तान को वापस इतिहास में ले जाया जा रहा है.
इसका जवाब हमारे लेखक द्गयादा सही ढंग से दे पाएंगे. मेरे विचार से कहानी में अलग-अलग विचार दिखाए जा रहे हैं और उनका द्वंद्व है. अम्मा जी उस सोच का प्रतिनिधित्व करती है, जो आज भी हमारे समाज में मौजूद है. आगे कहानी में दिखाया जाएगा कि किस विचार की जीत होगी और किसकी पराजय.
आपको इस रोल के लिए क्यों चुना गया? क्या आप खुद भी इसी तरह की महिला हैं?
ऐसा नहीं है. किरदार निभाने के लिए जरूरी नहीं है कि वह कलाकार वास्तविक जिंदगी में भी वैसा हो. मेरे विचार 'अम्मा जी' से एकदम उलट हैं. पर एक कलाकार के तौर पर मैं पूरी ईमानदारी से इस चरित्र को निभाने की कोशिश करतीं हूं. एक पेशेवर कलाकार के तौर पर मुझे उस चरित्र को जीवंत बनाना पड़ता है.
जब कलर्स चैनल ने आपको यह रोल दिया था तो क्या उन्हें आपकी क्वालिटी पता थी?
यह मेरा पहला रोल नहीं है. मैं पिछले 10 साल से फिल्मों और टीवी से जुड़ीं हूं. 20-25 टीवी कार्यक्रमों में और 15-20 नाटक कर चुकीं हूं.
लेकिन आपको देर से पहचान मिली.
अम्मा जी का किरदार कैसा भी हो लेकिन वह लोकप्रिय है. इस चरित्र को लोकप्रियता उसके कुकर्मों की वजह से नहीं है. एक अभिनेत्री उस चरित्र को जिस तरह से निभा रही है, उसकी वजह से वह लोकप्रिय है. मैं अपना काम पूरी ईमानदारी से करतीं हूं.